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संकेत मिले... हम ब्रह्मांड में अकेले नहीं हैं | Signal is there, We're not alone in this Universe

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क्या हम अकेले हैं? इस खगोलीय सवाल पर नई तकनीक प्रणाली भविष्य में यहां होने वाले जीवन की संभावना पर भी संकेत देती है।

 LOFAR को मिले संकेत, कहीं ये वो तो नहीं

 ब्रह्मांड कितने रहस्य समेटे हैं?  इसका अंदाज लगाने के लिए नित नए प्रयोगों और प्रणालियों पर वैज्ञानिक समुदाय काम कर रहा है। कहीं भी जरा सी आहट होती है, तो वे अंदाजा लगाते हैं कि किसी अन्य ग्रह से कोई उन्हें संदेश भेज रहा है। एक प्रमुख खोज में, वैज्ञानिकों को हमारे सौर मंडल के बाहर दूर के ग्रहों से रेडियो सिग्नल प्राप्त हुए।  दुनिया के सबसे शक्तिशाली रेडियो एंटीना-लोफर ने इस सिग्नल को प्राप्त किया।  वैज्ञानिकों के मुताबिक, दूरदराज सितारे अपने चारों ओर छिपे हुए ग्रहों की उपस्थिति का सुझाव देने वाले रेडियो सिग्नल भेज रहे हैं। लीडेन विश्वविद्यालय के डॉ जोसेफ कॉलिंगहम और उनके सहयोगी कम आवृत्ति सरणी (लोफर)- दुनिया की सबसे शक्तिशाली रेडियो दूरबीन का उपयोग कर एक्सोप्लानेट्स से ऑरोरे ( aurorae) की खोज कर रहे हैं।


डच नेशनल वेधशाला में खगोलविदों की टीम ने इस रेडियो सिग्नल को देखा और बताया कि  19 रेड डुआर्फ से संकेतों को देखा गया। उनमें से चार ने ग्रहों की उपस्थिति को दर्शाया है।  खगोलविदों के अनुसार, हम लंबे समय से जानते हैं कि हमारे अपने सौर मंडल के ग्रह शक्तिशाली रेडियो तरंगों को उत्सर्जित करते हैं क्योंकि उनके चुंबकीय क्षेत्र सौर हवा के साथ बात-चीत होती है, इसी समान एक ही प्रक्रिया पृथ्वी के ध्रुवों पर खूबसूरत ऑरोरे को संचालित करती  है,  लेकिन हमारे सौर मंडल के बाहर के ग्रहों से रेडियो सिग्नल अभी तक नहीं *पिक-अप* नहीं किया गया था।  टीम का यह भी कहना है कि नई तकनीक रेडियो खगोल विज्ञान के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है और आकाशगंगा में ग्रहों की खोज का कारण बन सकती है। इस तकनीक प्रणाली में जीवन की संभावना पर भी संकेत मिलता है,  जो खगोल विज्ञान में सबसे बड़े और अहम सवाल * क्या हम अकेले हैं?* पर प्रकाश डाल सकती है। 


डॉ हरीश वेदंतम, पेपर के सह-लेखक, जो एस्ट्रोन में रेडियो खगोल विज्ञान संस्थान, नीदरलैंड से सबद्ध रखते हैं।  उन्होंने बताया है कि टीम को विश्वास है कि ये संकेत सितारों के चुंबकीय कनेक्शन और अनदेखी कक्षाओं में घूमते हुए ग्रहों के चुंबकीय कनेक्शन से आ रहे हैं, जोकि बृहस्पति और इसके चंद्रमा Io के बीच की बातचीत के समान है। उनके अनुसार, हमारी अपनी पृथ्वी में अॉरोरे हैं, जो आमतौर पर उत्तरी और दक्षिणी  रोशनी के रूप में पहचाने जाते हैं। ये सुंदर ऑरोरे भी शक्तिशाली रेडियो तरंगों को उत्सर्जित करते हैं। यह सौर हवा के साथ ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र की बातचीत (संचार) से होता है, लेकिन बृहस्पति के अॉरोरे के मामले बहुत मजबूत हैं क्योंकि ज्वालामुखीय चंद्रमा Io अंतरिक्ष में सामग्री को विस्फोट करता है और इससे बृहस्पति का पर्यावरण कणों से भर जाता है, जो असामान्य रूप से शक्तिशाली ऑरोरे संचालित करते हैं। यह अध्ययन जर्नल *नेचर एस्ट्रोनॉमी* में प्रकाशित हुआ है।

 *यह केवल लोफर के साथ हो सकता है, जो सूक्ष्मग्राहिता से  हमारे सौर मंडल के बाहर के ऑरोरे-इमिशन्स खोज रहा है। यह हमारे सौर मंडल के बाहरी ग्रहों को खोजने और अपने चुंबकीय क्षेत्रों को निर्धारित करने में मदद करने के लिए एक अविश्वसनीय रूप से शक्तिशाली उपकरण है। *

डॉ. जोसेफ कॉलिंघम
प्रमुख लेखक, लीडेन यूनिवर्सिटी

एक सितारे के चुंबकीय क्षेत्र में घिरे हुए एक एक्सोप्लानेट के साथ हमारे सितारों से इस रेडियो लाइट के लिए हमारा मॉडल बृहस्पति और  Io का एक स्केल-अप संस्करण है, जो  विशाल धाराओं को सामग्री से भरता है, इससे इसी तरह स्वयं सितारे उज्ज्वल ऑरोरे बनते हैं। यह एक शानदार वाकया है जिसने कई प्रकाश वर्ष दूर से हमारा ध्यान खींचा है।

 डॉ हरीश वेदंतम,  सह-लेखक,
एस्ट्रोन में रेडियो खगोल विज्ञान संस्थान, नीदरलैंड

somadri
पुराने ब्लॉग-पोस्टों को नवीनतम रूप दिया जा रहा है, जो मेरे विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समर्पित पोर्टल *सोम-रस* पढ़े जा सकेंगे। Study Observes Mysteries- Research Accelerates Science का संक्षिप्तीकरण है SOM-RAS, जिसकी अवधारणा 2007 में की गई थी, थोड़ा-बहुत लिखना भी हुआ, बाकी अभी भी डायरी के पन्नों में सिमटा हुआ है, डिजाइन से लेकर कंटेंट संयोजन तक। पुराने पोस्ट में मनो-विज्ञान से संबंधित अनुभवों और संस्मरण लिखती रही। नियमित लेखन नहीं हो सका, कुछ समयाभाव में , तो कुछ आलस में। पराने पोस्ट नए कलेवर में सोम-रस के सब-डोमेन में उपलब्ध होंगे। मेरा विज्ञान और साहित्य के प्रति नैसर्गिक झुकाव रहा है। संक्षेप में, मैं हूँ पेशे से पत्रकार, पसंद के अनुसार ब्लॉगर, जुनून के हिसाब से कलाकार, उत्कटता की वजह से लेखक, आवश्यकता के लिए काउंसलर | पर, दिल से परोपकारी और प्रकृति से उद्यमी हूं।

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