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भारत में प्याज के पौधे की एक नई प्रजाति एलियम नेगियनम मिली | A new species of onion plant, Allium negianum found in India

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...जो प्याज सदियों से जायका बढ़ाती रही, उसका नाम आज दुनिया ने जाना

2019 में, नई दिल्ली में आईसीएआर-नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज में प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अंजुला पांडे के साथ अन्य वैज्ञानिक डॉ के माधव राय, पवन कुमार मालव और एस राजकुमार भारतीय मूल के लिए genus Allium के व्यवस्थित वनस्पति विज्ञान पर काम कर रहे थे। तब टीम को ऐसे प्याज के पौधे के बारे में पता चला, जिसकी स्थानीय तौर पर खेती हो रही है।  जल्द ही विज्ञान जगत में इसे प्याज की एक नई प्रजाति के रूप में मान्यता दी जाएगी।

 प्रजाति पश्चिमी हिमालय के क्षेत्र तक ही सीमित

Allium negianum नामक पौधे की खोज  भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र से सटे उत्तराखंड के चमोली जिले की नीती घाटी के मलारी गांव में हुई । ये पौधे समुद्र तल से 3000 से 4800 मीटर की ऊंचाई पर उगते हैं और खुले घास के मैदानों, नदियों के किनारे वाली रेतीली मिट्टी और अल्पाइन घास के मैदानों (स्थानीय रूप से "बुग्याल" या "बगियल" के रूप में जाना जाता है) के साथ बर्फीले चरागाहों में बनने वाली धाराओं के साथ पाए जा सकते हैं। यहां की पिघली बर्फ वास्तव में इसके बीजों को अधिक अनुकूल क्षेत्रों में ले जाने में मदद करती है। गौर करने लायक दिलचस्प बात यह है कि इस नई वर्णित प्रजाति पश्चिमी हिमालय के क्षेत्र तक ही सीमित है और अभी तक दुनिया में कहीं और इसके पैदा होने की सूचना नहीं मिली है।

 स्थानीय समुदाय इसकी घरेलू खेती करता है

हालांकि विज्ञान के लिए प्याज की यह नई प्रजाति अब वैज्ञानिकों के अवलोकन में आई है, पर लंबे समय से स्थानीय समुदाय इसकी घरेलू खेती करते हैं।  इस प्याज की प्रजातियों के समूह पर काम करते हुए, अनुसंधान दल ने फ्रान, जंबू, सकुआ, सुंगडुंग और कचो के बारे में सुना, ये वो प्याज हैं, जो खाने में सीजनिंग (जायका बढ़ाने वाले मसालों के रूप में) के लिए अलग-अलग स्थानीय नाम से पहचानी जाती हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस नई प्याज को नीती घाटी में विशेष रूप से अच्छा माना जाता है, यहां तक कि बाजार में इसकी सबसे अधिक मांग रहती है।

प्याज का वैज्ञानिक नाम Allium negianum भारत के प्रख्यात खोजकर्ता और प्याज संग्रहकर्ता स्वर्गीय डॉ. कुलदीप सिंह नेगी के सम्मान में रखा गया।


somadri
पुराने ब्लॉग-पोस्टों को नवीनतम रूप दिया जा रहा है, जो मेरे विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समर्पित पोर्टल *सोम-रस* पढ़े जा सकेंगे। Study Observes Mysteries- Research Accelerates Science का संक्षिप्तीकरण है SOM-RAS, जिसकी अवधारणा 2007 में की गई थी, थोड़ा-बहुत लिखना भी हुआ, बाकी अभी भी डायरी के पन्नों में सिमटा हुआ है, डिजाइन से लेकर कंटेंट संयोजन तक। पुराने पोस्ट में मनो-विज्ञान से संबंधित अनुभवों और संस्मरण लिखती रही। नियमित लेखन नहीं हो सका, कुछ समयाभाव में , तो कुछ आलस में। पराने पोस्ट नए कलेवर में सोम-रस के सब-डोमेन में उपलब्ध होंगे। मेरा विज्ञान और साहित्य के प्रति नैसर्गिक झुकाव रहा है। संक्षेप में, मैं हूँ पेशे से पत्रकार, पसंद के अनुसार ब्लॉगर, जुनून के हिसाब से कलाकार, उत्कटता की वजह से लेखक, आवश्यकता के लिए काउंसलर | पर, दिल से परोपकारी और प्रकृति से उद्यमी हूं।

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