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लाल रक्त कोशिकाएं छोटे इलेक्ट्रोड्स हैं | RBC are tiny electrodes

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 माइक्रो-इलेक्ट्रोड के रूप में कार्य करने वाली लाल रक्त कोशिकाओं की खोज ने चिकित्सा अनुसंधान में खोले नए दरवाजे

1792 में प्रमुख इतालवी चिकित्सक लुइगी गलवानी द्वारा किए गए प्रयोगों के बाद से, यह ज्ञात हो गया था कि बिजली जैविक कार्य में एक भूमिका निभाती है। 1940 में  वाल्थर नर्नस्ट, डेविड गोल्डमैन, एलन हॉजकिन और बर्नार्ड काट्ज़ के बाद के कार्यों से यह सामने आया कि प्रत्येक कोशिका में एक वोल्टेज होता है जो उसके कई कार्यों को नियंत्रित करता है। यह विशेष रूप से मांसपेशियों और तंत्रिका कोशिकाओं के मामले में होता है, लेकिन यह भी दिखाया गया कि वोल्टेज कैंसर जैसे रोगों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

 साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित एकनए शोध-पत्र में, सरे विश्वविद्यालय के जीव विज्ञानियों ने पाया है कि जैविक कोशिकाएं एक विद्युत क्षेत्र वोल्टेज उत्पन्न करती हैं जो न केवल भीतर दिखता है, बल्कि बाहर दिखाई देता है। उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला है कि प्रत्येक कोशिका एक छोटे इलेक्ट्रोड के रूप में कार्य करती है। चूंकि यह वोल्टेज प्रभावित करता है कि कोशिकाएं अपने पर्यावरण के साथ कैसे बातचीत/संचार करती हैं, जिसमें कोशिकाएं एक-दूसरे से चिपकी रहती हैं। इस शोध के अनुसार, इसका भविष्य के चिकित्सा उपचारों के लिए महत्वपूर्ण संभावित प्रभाव पड़ सकता है।

लाल रक्त कोशिकाओं के साथ जटिल प्रयोगों के माध्यम से, शोध टीम ने दिखाया है कि वोल्टेज कोशिका के बाहर भी दिखाई देता है। इसका मतलब है कि कोशिकाएं प्रभावी रूप से छोटे ट्रांसमीटरों के रूप में कार्य करती हैं, विद्युत रूप से उनके आसपास के वातावरण को बदल देती हैं। अन्य प्रकार की जैविक कोशिकाओं में इसी तरह के परिणाम नए प्रकार के चिकित्सा उपचार के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

शोध-पत्र यह भी दर्शाता है कि लाल रक्त कोशिकाओं की विद्युत विशेषताएं सर्कैडियन लय प्रदर्शित करती हैं, जोकि एक प्राकृतिक 24 घंटे का चक्र है और सभी जीवित चीजें में चलता है। शोध के माध्यम से यह अहम बात सामने आई है कि सर्कैडियन लय जब दिन के शिखर समय के साथ मेल खाता है, एेसे में अधिकांश हृदय रोग की घटनाएं होती या देखी गई हैं, जैसे कि दिल का दौरा और स्ट्रोक आना। इस तथ्य ने आगे के शोध के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र प्रस्तुत कर दिया है।इस शोध को सरे विश्वविद्यालय के जीवविज्ञानियों की टीम के साथ, कैम्ब्रिज स्थित मॉलेक्यूलर रिसर्च काउंसिल लैब , वेक वन विश्वविद्यालय और इकोले सेंट्रल डी लियोन के शोधार्थियों ने पाया है कि लाल रक्त कोशिकाएं विद्युत क्षेत्र वोल्टेज उत्पन्न करती हैं। इस शोध का नेतृत्व सरे विश्वविद्यालय के प्रो. माइक पी. ह्यूजेस ने किया।

जीवविज्ञान का दायरा अक्सर बड़े अणुओं के बारे में बातचीत के बात सीमित हो जाता है, कोशिका का पैमाना विज्ञान के अध्ययन का एक अनिवार्य हिस्सा है। विद्युत तत्व को पुन: प्रस्तुत करके, हम शरीर के काम करने के तरीके को समझने का एक नया तरीका अवलोकन कर रहे हैं और खोज रहे हैं।
प्रोफेसर माइक पी. ह्यूजेसशोध-दल के नेतृत्वकारी, सरे विश्वविद्यालय



somadri
पुराने ब्लॉग-पोस्टों को नवीनतम रूप दिया जा रहा है, जो मेरे विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समर्पित पोर्टल *सोम-रस* पढ़े जा सकेंगे। Study Observes Mysteries- Research Accelerates Science का संक्षिप्तीकरण है SOM-RAS, जिसकी अवधारणा 2007 में की गई थी, थोड़ा-बहुत लिखना भी हुआ, बाकी अभी भी डायरी के पन्नों में सिमटा हुआ है, डिजाइन से लेकर कंटेंट संयोजन तक। पुराने पोस्ट में मनो-विज्ञान से संबंधित अनुभवों और संस्मरण लिखती रही। नियमित लेखन नहीं हो सका, कुछ समयाभाव में , तो कुछ आलस में। पराने पोस्ट नए कलेवर में सोम-रस के सब-डोमेन में उपलब्ध होंगे। मेरा विज्ञान और साहित्य के प्रति नैसर्गिक झुकाव रहा है। संक्षेप में, मैं हूँ पेशे से पत्रकार, पसंद के अनुसार ब्लॉगर, जुनून के हिसाब से कलाकार, उत्कटता की वजह से लेखक, आवश्यकता के लिए काउंसलर | पर, दिल से परोपकारी और प्रकृति से उद्यमी हूं।

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