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शोधकर्ताओं ने पहनने योग्य इलेक्ट्रिक हीटर विकसित किया | Researchers develop wearable electric heater

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वैज्ञानिकों ने अत्यधिक टिकाऊ प्रवाहकीय यार्न के जरिए एक टेक्सटाइल आधारित पहनने योग्य हीटर बनाया है, जो कपड़े के भीतर एम्बेडेड हीटिंग तत्वों के साथ लाइट-वेट वियरेबल हीटर है और लोगों को गर्म रखने में मदद कर सकता है। पहले भी इस तरह के वियरेबल हीटर बनाने के प्रयास हुए, लेकिन ये गर्म कड़े तारों या धागों की वजह से सुरक्षित रूप से धोए नहीं जा सकते, इसलिए हाल ही में, शोधकर्ताओं ने जिस पॉली-3,4-एथिलीनडायऑक्सिथियोफीन और पॉली -4-स्टाइरेनसल्फ़ोनेट के साथ कपड़े और यार्न का ट्रीटमेंट प्रस्तुत किया है, वह तकनीकी तौर पर लचीली कोटिंग से सामग्री को गर्म कर सकता है और धोने के बाद अपनी जगह पर बना रहता है। इस तरह से यह सुरक्षित और टिकाऊ है।हालांकि, पॉलिमर व्यक्तिगत हीटिंग के लिए पर्याप्त प्रवाहकीय नहीं थे और उन्हें अधिक प्रवाहकीय बनाने के लिए जिन यौगिकों को जोड़ा गया था, उनसे त्वचा में जलन हो सकती है। इन बातों का खास ध्यान रखते हुए थम्मसैट विश्वविद्यालय में भौतिकी विभाग के डॉ. रावत जयसुट्टी के नेतृत्व में  थाईलैंड और कोरिया के शोधार्थियों ने नई रणनीति के अनुसार तकनीक का उपयोग किया।

 दो-पॉलिमर कोटिंग सुधार से प्रयोग हुआ सफल

टीम ने यार्न पर लागू दो-पॉलिमर कोटिंग में सुधार किया, ताकि कपड़े में सिले जाने के बाद यह एक सुरक्षित ऑपरेटिंग वोल्टेज पर गर्मी वितरित कर सके।पहले चरण के तौर पर, शोधार्थियों ने पॉलिमर-कोटेड सूती यार्न को एथिलीन ग्लाइकोल में डुबो दिया, जो मानव त्वचा को परेशान नहीं करता है।इसके बाद जब उन्होंने सामग्री पर वोल्टेज चालू किया, तो यह गर्म हो गया। खास बाद यह रही कि पहले के कुछ लचीले हीटरों के मुकाबले इसमें कम वोल्टेज से उच्च तापमान तक पहुंचने में सफलता मिली। इसके बाद  शोधकर्ताओं ने उपचारित यार्न को या तो बार-बार पानी से या एक बार डिटर्जेंट से धोया। उन्होंने पाया कि दोनों उदाहरणों में चालकता का मामूली नुकसान हुआ था, यह नुकसान एथिलीन ग्लाइकॉल के बिना एक संस्करण की तुलना में काफी कम था। अंत में, उन्होंने यार्न के कई टुकड़ों को एक अतिरिक्त फैब्रिक बैकिंग के साथ कपड़े के एक टुकड़े पर टीयू पैटर्न में सिल दिया। इसके बाद हीटर को तीन-वोल्ट बिजली की आपूर्ति से जोड़ा गया और देखा गया कि व्यक्ति की कलाई की थर्मल रिस्टबैंड में इसका गर्मी का वितरण स्थिर है या नहीं। 
 
नतीजों में पाया गया कि यह आगे और पीछे मुड़े हुए थर्मल रिस्टबैंड में भी गर्मी का वितरण स्थिर रूप से प्रदान कर रहा था।रावत जैसुट्टी के अलावा टीम में शामिल कुन्तीमा पट्टनारत, नट्टासमोन पेट्सांग, तनाकोर्न ओसोचन, योंग-हून किम के इस संयुक्त काम को 'एसीएस एप्लाइड मैटेरियल्स एंड इंटरफेस' नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।

नतीजों के अनुसार,

  1. प्रवाहकीय यार्न से बने हीटिंग तत्वों ने तापमान का उत्कृष्ट वितरण दिखाया और 5 वोल्ट के पर्याप्त कम ड्राइविंग वोल्टेज पर 150 डिग्री सेल्सियस (302 डिग्री फ़ारेनहाइट) तक गर्मी प्रदान की।
  2.  हीटिंग तत्वों ने बार-बार झुकने वाले स्ट्रेस और 2,000 चक्रों को खींचने और छोड़ने के बाद भी स्थिर जूल हीटिंग प्रदर्शन किया।
ऑन-बॉडी हीटिंग सिस्टम के लिए इसके व्यावहारिक उपयोग को प्रदर्शित करने के लिए एक साधारण सर्किट संरचना के साथ एक कपड़े पर प्रवाहकीय यार्न को सिलाई करके एक हल्के और हवा में सांस लेने योग्य थर्मल रिस्टबैंड का प्रदर्शन किया गया था। इसके परिणामों से ये कहा जा सकता है कि अत्यधिक प्रवाहकीय और टिकाऊ यार्न प्राप्त करने की हमारी रणनीति का उपयोग विभिन्न अनुप्रयोगों में किया जा सकता है, जिसमें चिकित्सा ताप चिकित्सा और व्यक्तिगत ताप प्रबंधन प्रणाली शामिल हैं।
डॉ. रावत जैसुट्टी, भौतिकी विभाग, थम्मसैट विश्वविद्यालय
somadri
पुराने ब्लॉग-पोस्टों को नवीनतम रूप दिया जा रहा है, जो मेरे विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समर्पित पोर्टल *सोम-रस* पढ़े जा सकेंगे। Study Observes Mysteries- Research Accelerates Science का संक्षिप्तीकरण है SOM-RAS, जिसकी अवधारणा 2007 में की गई थी, थोड़ा-बहुत लिखना भी हुआ, बाकी अभी भी डायरी के पन्नों में सिमटा हुआ है, डिजाइन से लेकर कंटेंट संयोजन तक। पुराने पोस्ट में मनो-विज्ञान से संबंधित अनुभवों और संस्मरण लिखती रही। नियमित लेखन नहीं हो सका, कुछ समयाभाव में , तो कुछ आलस में। पराने पोस्ट नए कलेवर में सोम-रस के सब-डोमेन में उपलब्ध होंगे। मेरा विज्ञान और साहित्य के प्रति नैसर्गिक झुकाव रहा है। संक्षेप में, मैं हूँ पेशे से पत्रकार, पसंद के अनुसार ब्लॉगर, जुनून के हिसाब से कलाकार, उत्कटता की वजह से लेखक, आवश्यकता के लिए काउंसलर | पर, दिल से परोपकारी और प्रकृति से उद्यमी हूं।

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