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अध्ययनः माली-हॉर्नबिल्स को बचाना जरूरी है | The gardeners-hornbills of the forest need protection: Study

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भारतीय वैज्ञानिकों ने नमदाफा टाइगर रिजर्व में फलने वाले पौधों और हॉर्नबिल का अध्ययन किया कि किस प्रकार वे दोनों एक-दूसरे के वितरण को प्रभावित कर रहे हैं। स्टडी के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश स्थित यह रिजर्व  भारत के सबसे जैव विविधता वाले संरक्षित क्षेत्रों में से एक है। यह हॉर्नबिल की भारत की नौ प्रजातियों में से पांच का वासस्थान है। नए अध्ययन में सीधे तौर पर कहा गया है कि हॉर्नबिल का संरक्षण प्रमुख महत्व का है क्योंकि उष्णकटिबंधीय जंगलों में कई कैनोपी पेड़ों के साथ उनका सहजीवी संबंध होता है। वे भोजन के लिए ऐसे पेड़ों की ओर आकर्षित होते हैं और बदले में उनके बीज बिखेरते हैं, जहां पर बाग बनते हैं। 

नामदाफा में हॉर्नबिल पठार पर अध्ययन किया

एक बयान के अनुसार, नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन (एनसीएफ), मैसूर और सेंटर फॉर इकोलॉजिकल साइंसेज-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु के शोधकर्ताओं ने नामदाफा में हॉर्नबिल पठार पर अध्ययन किया। इसमें टीम ने हॉर्नबिल पठार पर चौबीस 1-हेक्टेयर क्षेत्र में अध्ययन किया। अध्ययन में यहां उन्हें 815 हॉर्नबिल, 157 हॉर्नबिल फूड प्लांट, 946 बीज गिने जो 1,600 एक-मीटर पैच में बिखरे हुए थे और बड़े-बीज वाले मल्टीपल हॉर्नबिल फूड प्लांट प्रजातियों के 5,173 पुनर्जीवित पौधे मिले।

हॉर्नबिल बड़े बीजों वाले फलों को खा सकते हैं

शोधकर्ताओं ने हॉर्नबिल की चार प्रजातियों का अवलोकन किया, जिनमें ग्रेट, रूफॉस-नेक्ड, रूफॉस-नेक्ड ब्राउन  और रेथेड हॉर्नबिल्स शामिल हैं। सबसे आमतौर पर दिखने वाले रेथेड हॉर्नबिल्स को दुर्लभ, बड़े बीजों वाले कैनोपी के पेड़ के साथ देखा गया। छितरे हुए बीजों की संख्या पैच में सबसे अधिक वहीं मिली जहां हॉर्नबिल बहुतायत में देखे गए थे। अध्ययन में पाया गया कि उन पैच में पुनर्जीवित पौधों की विविधता भी सबसे अधिक थी। हॉर्नबिल उन बहुत कम पक्षियों में से हैं, जो बड़े बीजों वाले फलों को खा सकते हैं, बिना क्षतिग्रस्त किए बीजों को मदर प्लांट से दूर कर सकते हैं  और पुन: उत्पन्न कर सकते हैं।  यह एक महत्वपूर्ण सेवा है जो हॉर्नबिल पेड़ों को मजबूती प्रदान करती है।अध्ययन में इस बात को भी प्रमुखता से पेश किया गया है कि हॉर्निबल्स जैसे बागों को बसाने वाले माली पक्षी शिकार और आवास के नुकसान से उत्पन्न खतरों के कारण स्थानीय रूप से विलुप्त भी हो रहे हैं। कैनेरियम जैसे बड़े पेड़ों को राल के लिए अवैध रूप से टैप किया जाता है, जो लंबे समय में उन्हें मार देता है।

हमारे अध्ययन से पता चलता है कि कैनरियम जैसे दुर्लभ पेड़ वाले वन पैच बड़ी संख्या में हॉर्नबिल को आकर्षित करते हैं। बदले में, हॉर्नबिल फूड पेड़ों में से कुछ के साथ इन पैचों में पौधों की प्रजातियों की एक विविध सरणी के बीजों को अधिक संख्या में फैलाते हैं। , जो लंबी अवधि में, शायद ऐसे बागों का निर्माण करता है जो हॉर्नबिल को आकर्षित करना जारी रखते हैं।
रोहित नानीवाडेकर,
अध्ययन के प्रमुख लेखक,
 नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन


somadri
पुराने ब्लॉग-पोस्टों को नवीनतम रूप दिया जा रहा है, जो मेरे विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समर्पित पोर्टल *सोम-रस* पढ़े जा सकेंगे। Study Observes Mysteries- Research Accelerates Science का संक्षिप्तीकरण है SOM-RAS, जिसकी अवधारणा 2007 में की गई थी, थोड़ा-बहुत लिखना भी हुआ, बाकी अभी भी डायरी के पन्नों में सिमटा हुआ है, डिजाइन से लेकर कंटेंट संयोजन तक। पुराने पोस्ट में मनो-विज्ञान से संबंधित अनुभवों और संस्मरण लिखती रही। नियमित लेखन नहीं हो सका, कुछ समयाभाव में , तो कुछ आलस में। पराने पोस्ट नए कलेवर में सोम-रस के सब-डोमेन में उपलब्ध होंगे। मेरा विज्ञान और साहित्य के प्रति नैसर्गिक झुकाव रहा है। संक्षेप में, मैं हूँ पेशे से पत्रकार, पसंद के अनुसार ब्लॉगर, जुनून के हिसाब से कलाकार, उत्कटता की वजह से लेखक, आवश्यकता के लिए काउंसलर | पर, दिल से परोपकारी और प्रकृति से उद्यमी हूं।

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