नए आनुवंशिक कारक की खोज कर ली
ऑस्टियोआर्थराइटिस गठिया यानी अार्थराइटिस का सबसे आम रूप है और अक्सर हाथों, पैरों, कूल्हों, घुटनों और रीढ़ में होता है। यह एक दर्दनाक बीमारी है, जिसमें जोड़ों के बीच की कार्टिलेज टूट जाती है और व्यक्ति को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है। इसका अभी तक कोई ठोस इलाज नहीं है यानी इसे लाइलाज माना जाता है, लेकिन नए शोध में जुटे वैज्ञानिक के दल ने इस बीमारी से जुड़े नए आनुवंशिक कारक की खोज कर ली है, जो पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस के इलाज में मदद करने के लिए आशाजनक रूप से मदद कर सकते हैं।
लोगों में ऑस्टियोआर्थराइटिस का विकास तब होने लगता है, जब उनके जोड़ों में हड्डियों को कुशन करने वाली सुरक्षात्मक उपास्थि (कार्टिलेज) टूटने लगती है, इस वजह से हड्डियां आपस में रगड़ खाने लगती हैं।
अध्ययन में शामिल 825,000 का डेटा
2019 ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी के अनुसार, यह बीमारी दुनिया भर में 500 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करती है और महिलाओं पर असमान रूप से असर डालती है। अध्ययन में इसके गंभीर दर्द को विकलांगता का एक प्रमुख कारण माना गया है। सेल नामक जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन का नेतृत्व जर्मनी स्थित हेल्महोल्ट्ज़ सेंटर म्यूनिख ने किया था। यह अध्ययन ऑस्टियोआर्थराइटिस पर अब तक का सबसे बड़ा अध्ययन है, जिसमें यूरोपीय और पूर्वी एशियाई मूल के 825,000 से अधिक लोगों के डेटा शामिल हैं।
ऑस्टियोआर्थराइटिस के रिस्क फैक्टर्स की पहचान
इस अध्ययन ने संभावित उपचारों के लिए "उच्च-मूल्य वाले दवा लक्ष्य" का खुलासा किया। तथाकथित "उच्च-मूल्य वाले दवा लक्ष्य" शरीर का एक अणु है जो इस रोग की प्रक्रिया के तरीके से जुड़ा होता है और दवा के उपयोग करने पर बदला जा सकता है। असल में "उच्च-मूल्य वाले दवा लक्ष्य" शरीर में रोग की प्रगति को रोकने में मदद करने वाले अहम लक्ष्य हैं। शोधकर्ताओं ने उन जीनों की पहचान कर के ही उन "उच्च-मूल्य वाले दवा लक्ष्य" को टार्गेट करने मेंं सक्षम हुए थे, जो ऑस्टियोआर्थराइटिस का कारण थे। खास बात यह है कि इनमें से कई जीन उन अणुओं को दर्शाते हैं जो मौजूदा अनुमोदित दवाओं और वर्तमान में क्लिनिकल विकास वाले दवाओं के लक्ष्य हैं।
हमने आत्मविश्वास से 100 अलग-अलग अनुवांशिक रिस्क वैरियंट्स की पहचान की है, जो ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए डीएनए अनुक्रम में परिवर्तन करते हैं, इनमें से 52 बीमारी से पहले नहीं जुड़े थे।अध्ययन के निष्कर्ष अधिक सबूत प्रदान करते हैं कि विकास में कई दवाएं सही रास्ते पर हैं, साथ ही नए तरीकों की ओर इशारा करती हैं कि मौजूदा दवाओं का उपयोग पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस पीड़ितों की दिक्कतें कम कर सकती हैं।
एलेफ्थेरिया जेगिनी,
निदेशक,
इंस्टीट्यूट अॉफ ट्रांसलेशनल जीनोमिक्स,
हेल्महोल्ट्ज सेंटर,म्यूनिख
अनुवांशिक लिंक भी सामने आया
शोधकर्ताओं ने भार ढोने वाले जोड़ों (ज्वाइंट्स), जैसे घुटनों और कूल्हों की तुलना में गैर-भार वाले जोड़ों, जैसे कलाई और कोहनी के लिए रोग के जोखिमों के अंतर की पहचान की, जो हमारे खड़े होने और चलने पर हमारे शरीर के वजन को कम करने में मदद करते हैं। अध्ययन ने रोग के विकास के लिए पहली बार * फीमेल स्पेसिफिक जेनेटिक रिस्क फैक्टर्स* और रोग के अर्ली-अॉनसेट वाले रिस्क फैक्टर्स के साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस और इसके मुख्य लक्षण-दर्द के बीच अनुवांशिक लिंक को भी उजागर किया।
आनुवंशिक रिस्क फैक्टर्स को आसानी से समझाया नहीं जाता है , क्योंकि वे अक्सर जटिल होते हैं और किसी व्यक्ति के परिवार के इतिहास या अनुवांशिक परीक्षण के ज्ञान के बिना पहचान किए जाने में मुश्किल हो सकते हैं। सही जीन और प्रोटीन को लक्षित करने के तरीके के साथ-साथ विभिन्न दवाएं आज ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित मरीजों को राहत देने में कैसे मदद कर सकती हैं, यह जानने के लिए और अधिक क्लिनिकल अध्ययनों की आवश्यकता होगी।
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