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पृथ्वी पर लगभग 73,300 वृक्ष की प्रजातियां हैं | There are about 73,300 tree species on Earth

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वैश्विक ग्राउंड-सोर्स डेटा के आधार पर, वैज्ञानिकों की एक बहुराष्ट्रीय टीम ने वैश्विक, महाद्वीपीय और बायोम स्तरों पर कुल वृक्ष प्रजातियों की समृद्धि का अनुमान लगाया है। उनके नतीजे बता रहे हैं कि विश्व स्तर पर 73,274 वृक्ष प्रजातियां हैं, जिनमें से लगभग 9,200 वृक्ष प्रजातियों की खोज किया जाना बाकी है।

एक नए अध्ययन में वृक्ष प्रजातियों की कुल संख्या का अपनी तरह का पहला अनुमान लगाया गया है, जिसके अनुसार,  पृथ्वी पर लगभग 73,300 वृक्ष की प्रजातियां हैं।

वन पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता और सेवाओं के लिए वृक्ष विविधता मौलिक होती है। हालांकि, सीमित उपलब्ध आंकड़ों के कारण, बड़े भौगोलिक क्षेत्र पर वृक्ष विविधता के अनुमान अभी भी प्रजातियों के विवरण की प्रकाशित सूचियों पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं, जो कि कवरेज में भौगोलिक रूप से असमान हैं, लेकिन  एक वैश्विक दृष्टिकोण की वजह से पृथ्वी पर वृक्षों की गिनती संभव हो पाई है, जो किसी एक व्यक्ति के दम पर नहीं किया जा सकता था।

 64, 000 वृक्ष प्रजातियों का दस्तावेजीकरण

 दुनिया के सभी वृक्षों को मापने के लिए वैज्ञानिकों के एक विश्वव्यापी सहयोग ने पृथ्वी पर वृक्ष प्रजातियों की कुल संख्या का पहला भू-स्रोत डेटा अनुमान तैयार किया और पाया है कि 9,000 से अधिक प्रजातियों की खोज अभी बाकी है। हालांकि 64, 000 वृक्ष प्रजातियों का दस्तावेजीकरण किया गया है, वृक्ष प्रजातियों की कुल वैश्विक संख्या, जिसमें दोनों प्रलेखित और अनिर्दिष्ट अज्ञात रही हैं। अंतरराष्ट्रीय टीम का इस शोध-कर्म को 'प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज' में  विस्तृत तौर पर प्रकाशित किया गया है। अध्ययन ने खुलासा किया है कि अनुमान के अनुसार आज दुनिया में लगभग 73,300 पेड़ प्रजातियां हैं। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि अनदेखी प्रजातियों में से एक तिहाई दुर्लभ हैं जिनमें कम संख्या में पेड़ हैं और संभवतः अमेजन वर्षा वन जैसे उष्णकटिबंधीय या उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में मौजूद हैं।


दो वैश्विक डेटासेट का उपयोग हुआ

अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने दो वैश्विक डेटासेट (बहुतायत और घटना) से वृक्षों के आंकड़ों को जोड़ा, जिसमें  एक डेटासेट वैश्विक वन जैव विविधता पहल से लिया गया था और दूसरा डेटासेट *ट्रीचेंज* से। ट्रीचेंज में जमीन-स्रोतों वाले वन-भूखंड आंकड़ों का उपयोग होता है। संयुक्त डेटाबेस से दुनिया भर में कुल 64,100 प्रलेखित वृक्षों की प्रजातियां मिलीं, जो पिछले अध्ययन के समान थी, जिसमें धरती पर लगभग 60,000 वृक्ष प्रजातियां पाई गईं थीं। पृथ्वी पर वृक्ष प्रजातियों की कुल संख्या का तटस्थ अनुमान सामने आया, जो 73,274 है, जिसका अर्थ है कि लगभग 9,200 वृक्ष प्रजातियों की खोज की जानी बाकी है।

 पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पहल की

इस परियोजना को पर्ड्यू यूनिवर्सिटी और ग्लोबल फॉरेस्ट बायोडायवर्सिटी इनिशिएटिव के एक शोधकर्ता डॉ रॉबर्टो कैजोला गेट्टी ने नेतृत्व दिया, उन्होंने कहा कि ये नतीजे भूमि उपयोग और जलवायु में मानवजनित परिवर्तनों के लिए वैश्विक वन जैव विविधता की भेद्यता को उजागर करते हैं, जो दुर्लभ प्रजातियों और वैश्विक वृक्ष समृद्धि को असमान रूप से खतरे में डालते हैं। इस यह परियोजना पर्ड्यू विश्वविद्यालय की वानिकी और प्राकृतिक संसाधन विभाग में मात्रात्मक वन पारिस्थितिकी के प्रोफेसर जिंगजिंग लिआंग और मिनेसोटा विश्वविद्यालय और मिशिगन विश्वविद्यालय दोनों में वन पारिस्थितिकी के प्रोफेसर पीटर बी रीच के सह-नेतृत्व प्रदान किया। इसके अलावा इस परियोजना में पूरी दुनिया से लगभग 180 शोधकर्ताओं ने आंकड़े जुटाने में मदद की।


भारतीय शोधकर्ताओं ने हिस्सा लिया

भारत से शोधकर्ताओं ने हिस्सा लिया, जिनमें नारायणस्वामी पार्थसारथी ( पारिस्थितिकी और पर्यावरण विज्ञान विभाग, पांडिचेरी विश्वविद्यालय) , अश्विनी कुमार, मोहम्मद लतीफ खान व प्रमोद कुमार खरे (वनस्पति विज्ञान विभाग, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर), अमित कुमार (जियोइनफॉरमैटिक्स विभाग, झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय, रांची) हैं।


 यह वैश्विक डेटासेट अब तक वृक्षों की प्रजातियों का सबसे बड़ा ज्ञात आकड़ा है। इसमें वर्तमान में 38 मिलियन से अधिक वृक्ष शामिल हैं, जो 90 देशों और 100 क्षेत्रों में फैले हुए हैं 
जिंगजिंग लिआंग, परियोजना के सह-नेतृत्वकर्ता
संस्थापक, ग्लोबल फॉरेस्ट बायोडायवर्सिटी इनिशिएटिव (जीएफबीआई)


 

 

 

somadri
पुराने ब्लॉग-पोस्टों को नवीनतम रूप दिया जा रहा है, जो मेरे विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समर्पित पोर्टल *सोम-रस* पढ़े जा सकेंगे। Study Observes Mysteries- Research Accelerates Science का संक्षिप्तीकरण है SOM-RAS, जिसकी अवधारणा 2007 में की गई थी, थोड़ा-बहुत लिखना भी हुआ, बाकी अभी भी डायरी के पन्नों में सिमटा हुआ है, डिजाइन से लेकर कंटेंट संयोजन तक। पुराने पोस्ट में मनो-विज्ञान से संबंधित अनुभवों और संस्मरण लिखती रही। नियमित लेखन नहीं हो सका, कुछ समयाभाव में , तो कुछ आलस में। पराने पोस्ट नए कलेवर में सोम-रस के सब-डोमेन में उपलब्ध होंगे। मेरा विज्ञान और साहित्य के प्रति नैसर्गिक झुकाव रहा है। संक्षेप में, मैं हूँ पेशे से पत्रकार, पसंद के अनुसार ब्लॉगर, जुनून के हिसाब से कलाकार, उत्कटता की वजह से लेखक, आवश्यकता के लिए काउंसलर | पर, दिल से परोपकारी और प्रकृति से उद्यमी हूं।

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