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पनामा के नए खोजे गए रेनफ्रॉग का नाम जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग के नाम पर रखा गया| Panama's newly discovered rainfrog named after climate activist Greta Thunberg

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नए रेनफ्रॉग का नाम  Pristimantis gretathunbergae

पनामा के माउंट चुकांटी के उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में एक नन्हा-सा रेनफ्रॉग मिला है, जो अभी तक विज्ञान के लिए बिल्कुल नया था। दिलचस्प बात यह है कि  पहाड़ की उच्च ऊंचाई 1000 मीटर है और यह इलाका भौगोलिक अलगाव के कारण कई स्थानिक प्रजातियों के रहवास का एक अद्वितीय स्थल बन पड़ा है। इस नन्हे रेनफ्रॉग की खोज डॉ. कोनराड मेबर्ट के नेतृत्व में हुई।

हर्पेटोलॉजी अभियान के दौरान दिखा अज्ञात मेढक

डॉ एबेल बतिस्ता और डॉ कोनराड मेबर्ट एक अंतरराष्ट्रीय टीम के साथ 2012 में एक हर्पेटोलॉजी अभियान के लिए घुड़सवारी पर निकले थे। इस यात्रा में खड़ी ढलानों पर लंबी पैदल यात्रा करने बाद टीम को एक अनूठी प्रजाति  देखने को मिली थी। वैज्ञानिकों ने उस अज्ञात मेंढक प्रजाति को रात के समय ब्रोमेलियाड के पौधे की पत्ती में छिपते हुए देखा था।

 नीलामी के माध्यम से तय हुआ नामकरण

2018 में शोध-टीम ने डीएनए विश्लेषण के माध्यम से नई प्रजातियों की नवीनता की पुष्टि के बाद, अनुसंधान अध्ययन के प्रायोजक रेनफॉरेस्ट ट्रस्ट ने एक नीलामी आयोजित की। इस नीलामी का उद्देश्य नई खोज की बिक्री करना नहीं, बल्कि नई प्रजातियों का नामकरण करना था।  अंत में, इस नन्हे मेंढक का नाम स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग के नाम पर रखा गया, जिसके द्वारा जलवायु परिवर्तन पर अंकुश लगाने के प्रयासों को दुनियाभर में मान्यता मिली। नई प्रजाति को अब प्रिस्टिमेंटिस ग्रेटाथुनबर्गे (Pristimantis gretathunbergae) कहा जाएगा। जूकीज नामक जर्नल में शोध-पत्र के जरिए प्रिस्टिमेंटिस ग्रेटाथुनबर्गे की खोज की सूचना प्रकाशित की गई।

नए रेनफ्रॉग की विशेषताएं

ये मेंढक लगभग 3 से 4 सेंटीमीटर लंबे होते हैं और अपना अधिकांश समय ब्रोमेलियाड पौधों की पत्तियों से टिके रहते हैं, जहां वे सोते हैं, प्रजनन करते हैं और अपने अंडे देते हैं। उनकी विशिष्ट काली आंखें, पीले रंग के ऊपरी होंठ , ऊपरी पलक पर रीढ़ की तरह एक शंक्वाकार के रूप में ट्यूबरकल और एक बड़ा सिर उन्हें मध्य अमेरिका के बाकी रेनफ्रॉग्स से अद्वितीय बनाता है।

प्रिस्टिमेंटिस ग्रेटाथुनबर्गे को बचाना जरूरी है

शोध-दल के अऩुसार, वास्तव में, प्रिस्टिमेंटिस की 315 से अधिक प्रजातियों को किसी भी प्रजाति समूह को नहीं सौंपा गया है और पिछले 10 वर्षों में 11.3 प्रजातियों प्रति वर्ष की दर से 124 प्रजातियों का वर्णन ही हो पाया है। शोधार्थियों का कहना है कि वर्तमान में पनामा में प्रिस्टिमेंटिस फ्रॉग्स की 13 प्रजातियां ज्ञात हैं , या यूं कहिए कि 14 प्रजातियां हैं यदि प्रिस्टिमांटिस एजुकेटरिस को प्रिस्टिमेंटिस कैरियोफिलैसस से अलग प्रजाति के रूप में देखा जाए तो। हालांकि इस प्रजाति की समृद्धि पश्चिमी कोलंबिया और इक्वाडोर के बहुत बड़े चोको बायो-रीजन में प्रिस्टिमेंटिस की समृद्धि की तुलना में छोटी है, पनामा में इसकी भिन्नता अभी भी वर्गीकरण कार्य के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने कहा है कि नई प्रजाति को घातक चाइट्रिड फंगस (chytrid  प्रभावित करता है। इस फंगस को उष्णकटिबंधीय उभयचर जीवों का एक कुख्यात हत्यारा माना जाता है, इसलिए शोधकर्ताओं ने सुझाव है कि आईयूसीएन (IUCN) रेड लिस्ट मानदंड के अनुसार थुनबर्ग रेनफ्रॉग को विलुप्त होने की संभावना के तहत सूचीबद्ध किया जाना चाहिए।

 "प्रिस्टिमेंटिस प्रजातियां रंग और आकारिकी में अत्यधिक परिवर्तनशील हैं, अक्सर बाहरी विशेषताओं के आधार पर प्रजातियों के बीच अंतर करना मुश्किल हो जाता है, जबकि उनकी फिलोजेनी अक्सर अस्पष्ट रहती है।"
डॉ. कोनराड मेबर्ट,
प्रमुख लेखक,
यूनिवर्सिडेड एस्टाडुअल डी सांता क्रूज

रोचक जानकारी

 रेनफ्रॉग के जीनस प्रिस्टिमांटिस को निओट्रोपिक्स में उभयचर विविधता का एक प्रमुख घटक माना जाता है। वे मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिका में पाए जाते हैं,  कुछ प्रजातियां मध्य अमेरिका तक पहुंची हैं। हालांकि प्रिस्टिमांटिस सभी कशेरुकी जंतुओं में से सबसे अधिक पाए जाने वालों में से एक है। इसमें कम से कम 574 प्रजातियां हैं जो मुख्य रूप से कोलंबिया, इक्वाडोर और पेरू के उष्णकटिबंधीय एंडीज में देखी जाती हैं, लेकिन इनमें अधिकतर अध्ययन के दायरे में नहीं आ पाईं हैं।

somadri
पुराने ब्लॉग-पोस्टों को नवीनतम रूप दिया जा रहा है, जो मेरे विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समर्पित पोर्टल *सोम-रस* पढ़े जा सकेंगे। Study Observes Mysteries- Research Accelerates Science का संक्षिप्तीकरण है SOM-RAS, जिसकी अवधारणा 2007 में की गई थी, थोड़ा-बहुत लिखना भी हुआ, बाकी अभी भी डायरी के पन्नों में सिमटा हुआ है, डिजाइन से लेकर कंटेंट संयोजन तक। पुराने पोस्ट में मनो-विज्ञान से संबंधित अनुभवों और संस्मरण लिखती रही। नियमित लेखन नहीं हो सका, कुछ समयाभाव में , तो कुछ आलस में। पराने पोस्ट नए कलेवर में सोम-रस के सब-डोमेन में उपलब्ध होंगे। मेरा विज्ञान और साहित्य के प्रति नैसर्गिक झुकाव रहा है। संक्षेप में, मैं हूँ पेशे से पत्रकार, पसंद के अनुसार ब्लॉगर, जुनून के हिसाब से कलाकार, उत्कटता की वजह से लेखक, आवश्यकता के लिए काउंसलर | पर, दिल से परोपकारी और प्रकृति से उद्यमी हूं।

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