लोग स्थलों की सुरक्षा का काम इंसानों को देते है, लेकिन पोम्पेई ने हाल ही में अपने पुरातात्विक स्थल की सुरक्षा के लिए एक नए गार्ड की व्यवस्था की है। यह कोई एेसा-वैसा गार्ड नहीं है, बल्कि यह एक रोबोटिक डॉग है, जो स्थान का निरीक्षण करने के लिए चुना गया है।
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यह 'स्पॉट' नामक रोबो-डॉग है, जिसे एमआईटी के
बोस्टन डायनेमिक्स ने विकसित किया। इस मशीन में चार पैर है, जो विशेष सेंसर
और कैमरों से लैस है और वास्तविक समय की घटनाओं को प्रसारित करने में
सक्षम है। |
विशेष सुरंग के छेद की जांच करना
पोम्पेई में रोबो डॉग स्पॉट तो दी गई जिम्मेदारी दिलचस्पी का कारण बनी है, क्योंकि रोबोट को शहर में एक विशेष सुरंग के छेद की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी थी, इस छेद को शायद अवैध रूप से काम करने वाले अवशेष शिकारियों ( relic hunters ) ने बनाया था। इन शिकारियों द्वारा किए गए कार्य पुरा-स्थल की मौलिकता को बाधित करते हैं और पूरे क्षेत्र में निर्मित संरचनात्मक डिजाइनों को भी नष्ट कर देते हैं।
लाइव फीड फंक्शन से मिलता लाभ
रोबोटिक गार्ड डॉग स्पॉट को पोम्पेई की छोटी सड़कों पर गश्त लगाते देखा जा सकता है, जब ये गलियां आगंतुकों से और रात के समय जगह बंद होती है। इस रोबो की निगरानी विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा दूर से की जा रही है जो अक्सर ऑफ-साइट स्टेशनों पर होते हैं। स्पॉट के रिमोट कंट्रोल और लाइव फीड फंक्शन पोम्पेई में मानव अधिकारियों के लिए भी फायदेमंद हैं, क्योंकि वे रात में खतरों के संपर्क में आए बिना उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में मदद कर सकते हैं।अन्य चलने वाले रोबोट से बेहतर है 'स्पॉट'
मेसाचुसेट्स प्रौद्योगिक संस्थान (एमआईटी) के बोस्टन डायनेमिक्स से 'स्पॉट' विकसित किया है। यह चार पैर वाला रोबोट विशेष सेंसर और कैमरों से लैस है। जो गश्त के दौरान वास्तविक समय की घटनाओं को प्रसारित करते हैं। अन्य चलने वाले रोबोटों के विपरीत, 'स्पॉट' तंग जगहों में फिट हो सकता है। यह साइट पर मौजूद संरचनात्मक मुद्दों और अन्य सुरक्षा से भी, डेटा की रिकॉर्डिंग और संग्रह में मशीन को एक बड़ा फायदा प्रदान करता है।पोम्पेई
एक प्राचीन शहर है जो पूरी तरह से मोटी राख से दबे होने के लिए आज भी
कौतुहल का विषय बना हुआ है। हजारों साल पहले करीब 79 ईंस्वी के दौरान पास
के ज्वालामुखी माउंट विसुवियस के विस्फोट से निकली राख और लावा ने इस शहर
को जमींदोज कर दिया था। पोम्पेई के पुरातात्विक खंडहरों को इसकी प्रारंभिक
पुनर्खोज के बाद कई वर्षों में धीरे-धीरे खुदाई के जरिए सामने लाया जा सका
है। आज, शहर का आकार लगभग 440,000 वर्ग मीटर तक फैला हुआ है।
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