खगोलविद लंबे समय से यह कहते आए हैं कि हमारी आकाशगंगा में सिर्फ हम अकेले (पृथ्वीवासी) हैं, लेकिन एेसी और भी आकाशगंगाएं होंगी, जिनमें सैकड़ों अरबों ग्रह हो सकते हैं। इस बात को पुख्ता किया हौ जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप द्वारा हाल ही में क्लिक की गई एक तस्वीर। इस तस्वीर के एक ही फ्रेम में हजारों आकाशगंगाओं को देखा गया है, जिनमें से प्रत्येक में ऐसी अनोखी अनूठी दुनिया की संभावना है।
नासा ने 21 मार्च को 5,005 एक्सोप्लैनेट की पुष्टि करते हुए बहुत बड़ी सफलता अर्जित की है। सभी 5,005 एक्सोप्लैनेट अब नासा के एक्सोप्लैनेट संग्रह में प्रत्येक अपनी अनूठी विशेषताओं के साथ प्रलेखित किए गए हैं।
शायद हम अकेले नहीं हैं
अब इस तस्वीर से एक बात और पुख्ता हो गई है कि हम ब्रहमांड में कतई अकेले नहीं है। दुनिया भर के खगोलविदों का मानना है कि इस बात की बहुत अधिक संभावना बनती है कि हम लोगों को निकट भविष्य में महाकाश में हमारे जीवन जैसा कुछ मिल सकता है क्योंकि इन ग्रहों संख्या तेजी से बढ़ती है और गहम जांच से ये अभी अछूते हैं।
खोजने में लगा हुआ है नासा
नासा लगातार उस ब्रह्मांडीय सीमा को पार कर नए-नए एक्सोप्लैनेट्स को खोजने में लगा है। इस एजेंसी ने पहले 65 नए ग्रहों की खोज कर ली थी, लेकिन अब हमारे सौर मंडल से परे तारों के चारों ओर 5000 से अधिक ऐसे ग्रह पिंडों की उपस्थिति की पुष्टि की है, जो अंतरिक्ष अन्वेषण यानी स्पेस एक्सप्लोरेशन में एक नया मील का पत्थर है। नासा के एक्सोप्लैनेट आर्काइव में अध्ययन के लिए इन ग्रह-पिंडों में कुछ एेसे भी हैं जो ऐसी रचनाओं को शरण दे सकते हैं , जिसमें सतह पर पानी, रोगाणुओं, गैसों या यहां तक कि जीवन की उपस्थिति का समर्थन कर सकती हैं।
शुरुआती पुख्ता सबूत 30 साल पहले मिले
जनवरी 1992 में दो कॉस्मिक अॉब्जेक्स यानी दो ब्रह्मांडीय पिंडों ने हमारी आकाशगंगा को बदल दिया। हुआ यूं, पहली बार, हमारे पास एक्स्ट्रासोलर ग्रहों, या एक्सोप्लैनेट के ठोस सबूत दिखे थे, जो एक एलियन स्टार के चारों ओर घूम रहे थे की परिक्रमा कर रहे थे, यामी दो चट्टानी दुनिया, एक तारे के चारों ओर घूम रहे थे, वह स्टार या तारा उनसे 2,300 प्रकाश वर्ष दूर था।
21 मार्च, 2022
अब, ठीक 30 साल बाद, उस संख्या में बढोत्तरी दिखी। 21 मार्च, 2022 के दिन 5,000 से अधिक एक्सोप्लैनेट की पुष्टि की गई, जिसकी अब सटीक जानकारी के साथ संख्या 5,005 है और ये एक्सोप्लैनेट अब नासा के एक्सोप्लैनेट संग्रह में प्रत्येक अपनी अनूठी विशेषताओं के साथ प्रलेखित हैं।
कई तरह हैं ग्रह-पिंड
अब तक खोजे गए 5005 एक्सोप्लैनेट की संरचना और विशेषताओं की बात करें, तो उनकी रेंज अलग-अलग है। इनमें पृथ्वी जैसे छोटे, चट्टानी संसार, बृहस्पति से कई गुना बड़े गैस वाले पिंड और गर्म-बृहस्पति अपने सितारों के चारों ओर चिलचिलाती कक्षा में शामिल हैं। 'सुपर-अर्थ' हैं, जो हमारे अपने से बड़े संभावित चट्टानी संसार हैं और 'मिनी-नेप्च्यून्स', जैसे पिंड भी हैं, जो हमारे सिस्टम के नेपच्यून के छोटे संस्करण हैं।
नासा की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, संग्रह किए गए एक्सोप्लैनेट कई डिटेक्शन विधियों या विश्लेषणात्मक तकनीकों का उपयोग करके पीयर-रिव्यू के लिए प्रस्तुत की गई हैं। उनमें से प्रत्येक एक नई दुनिया है, एक नया ग्रह है।
सामने लाए गए एक्सोप्लैनेट्स की फॉलो-अप स्टडी को अब करना और भी आसान होगा, क्योंकि हालिया जारी किए गए जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप जैसे सशक्त यंत्र से यह संभव हो सकेगा, साथ ही, जो नया संयंत्र नैंसी ग्रेस रोमन स्पेस टेलिस्कोप लॉन्च होने वाला है, उससे भी नए बाहरी ग्रह-पिंडों की पुष्टि हो सकेगी।
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