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पोलैंड में मिला 41,500 साल पुराना मैमथ आइवरी पेंडेंट | 41,500-year-old mammoth ivory pendant found in Poland

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पोलैंड में स्टैजनिया गुफा से 41,500 साल पुराना एक अंडाकार पेंडेंट पाया गया है, जो यूरेशिया में सबसे पुराना इस तरह का सज्जित आभूषण माना जा रहा है। मैमथ की हड्डी से बने पेंडेंट को 2010 में घोड़े की हड्डी से बने एक उपकरण, जिसे अवल (awl) के रूप में जाना जाता है, के साथ मिला था। 
 अध्ययन-दल का शोध-पत्र साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित हुआ था। इसके अनुसार, रेडियोकार्बन डेटिंग के उन्नत तरीकों का उपयोग करते हुए स्टैजनिया गुफा से मिले अवल और हड्डी के टुकड़ों को दिनांकित किया, जो  पेंडेंट को प्रारंभिक ऊपरी पुरापाषाण काल तक का बताते हैं।  पेंडेंट के प्लेट की मोटाई लगभग 3.7 मिमी है। इस पर पहनने के लिए दो छेदों को पंचर किए जाने की बारीक कला कमाल की है। पेंडेंट की सजावट में अनियमित लूपिंग कर्व में 50 से अधिक पंचर चिह्नों के पैटर्न और दो पूर्ण छेद दिखे। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ये वस्तुएं यूरेशिया में मानवों के गहने सजाने और मानव विकास में प्रतीकात्मक व्यवहार के उद्भव के शुरुआती ज्ञात प्रमाण हैं। शोधकर्ताओं का सुझाव है कि यूरोप में पाए गए बाद के गहनों के समान इंडेंटेशन का पैटर्न, हंटिंग टैलीज (एक गणितीय गणना प्रणाली) या चंद्र संकेतनका प्रतिनिधित्व कर सकता है जो चंद्रमा या सूर्य के मासिक चक्र के अनुरूप है।
पेंडेंट और जानवरों की हड्डियों की उपस्थिति यह संकेत दे सकती है कि मनुष्य 41,500 साल पहले यूरेशिया में फैले हुए छोटे और परिवहन योग्य कला का उत्पादन शुरू कर रहे थे।

पोलैंड में होमो सेपियंस का फैलाव

मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट अॉफ एवोल्युशनरी एंथ्रोपोलॉजी के एक शोधकर्ता डॉ एंड्रिया पिकिन, जो इस अध्ययन-दल में भी शामिल थे, उन्होंने कहा, "हाथीदांत की पेंडेंट की उम्र और स्टैजनिया गुफा में पाया गया हड्डी अंततः यह प्रदर्शित करता है कि पोलैंड में होमो सेपियंस का फैलाव मध्य और पश्चिमी यूरोप में जितनी जल्दी हो सकता था, हुआ। यह उल्लेखनीय परिणाम इस परिप्रेक्ष्य को बदल देगा कि ये शुरुआती समूह कितने अनुकूलनीय थे और ऑरिग्नेशियन में कलात्मक नवाचार के प्रसार के मोनोसेंट्रिक मॉडल पर सवाल उठाते हैं।"

रेडियोकार्बन विधि में नवीनतम पद्धति का सटीक मूल्यांकन

बोलोग्ना विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान विभाग 'जियाकोमो सिआमिशियन' में ब्रावो लैब की अध्यक्ष डॉ. सहरा तालामो के नेतृत्व में 25 शोधकर्ताओं के सहयोग से पुनर्मूल्यांकन अध्ययन पर काम किया है। डॉ. सहरा तालामो के मुताबिक, इस गहनों की सही उम्र का निर्धारण इसकी सांस्कृतिक विशेषता के लिए मौलिक था और हम नतीजों से रोमांचित हैं। यह कार्य दर्शाता है कि रेडियोकार्बन विधि में नवीनतम पद्धतिगत प्रगति का उपयोग करने से हम नमूने की मात्रा को कम कर सकते हैं और बहुत अल्प एरर रेंज के साथ अत्यधिक सटीक तिथियां प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अगर हम पैलियोलिथिक समूहों में मोबाइल कला के उद्भव पर बहस को गंभीरता से हल करना चाहते हैं, तो हमें इन गहनों को रेडियोकार्बन की तारीख की आवश्यकता है, विशेष रूप से पिछले फील्डवर्क के दौरान या जटिल स्ट्रैटिग्राफिक अनुक्रमों में जो गहने पाए गए थे।

somadri
पुराने ब्लॉग-पोस्टों को नवीनतम रूप दिया जा रहा है, जो मेरे विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समर्पित पोर्टल *सोम-रस* पढ़े जा सकेंगे। Study Observes Mysteries- Research Accelerates Science का संक्षिप्तीकरण है SOM-RAS, जिसकी अवधारणा 2007 में की गई थी, थोड़ा-बहुत लिखना भी हुआ, बाकी अभी भी डायरी के पन्नों में सिमटा हुआ है, डिजाइन से लेकर कंटेंट संयोजन तक। पुराने पोस्ट में मनो-विज्ञान से संबंधित अनुभवों और संस्मरण लिखती रही। नियमित लेखन नहीं हो सका, कुछ समयाभाव में , तो कुछ आलस में। पराने पोस्ट नए कलेवर में सोम-रस के सब-डोमेन में उपलब्ध होंगे। मेरा विज्ञान और साहित्य के प्रति नैसर्गिक झुकाव रहा है। संक्षेप में, मैं हूँ पेशे से पत्रकार, पसंद के अनुसार ब्लॉगर, जुनून के हिसाब से कलाकार, उत्कटता की वजह से लेखक, आवश्यकता के लिए काउंसलर | पर, दिल से परोपकारी और प्रकृति से उद्यमी हूं।

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