नेमाचेलिडे परिवार की एबोरिचिथिस जाति की मछलियों की तीन नई प्रजातियों को अरुणाचल प्रदेश में देखा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेरा नाटुंग गवर्नमेंट कॉलेज के जूलॉजी विभाग के शोधकर्ताओं की एक टीम ने इन नई प्रजातियों की खोज की है, जिन्हें एबोरिचिथिस यूनीओबेंसिस, एबोरिचिथिस बारापेंसिस और एबोरिचथिस पालिनेंसिस नाम दिया गया है। इस खोज को एशियन जर्नल ऑफ कंजर्वेशन बायोलॉजी, जर्नल ऑफ थ्रेटड टेक्सा और फिशटेक्सा जैसी अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित किया गया है।
इससे पहले, 1900 के दशक की शुरुआत से, पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में एबोरिचिथिस जाति की 11 प्रजातियों की खोज की गई थी। इसके अलावा, उनमें से तीन का संबंध अरुणाचल प्रदेश के बाहर-भूटान, मेघालय और पश्चिम बंगाल से था।
अरुणाचल प्रदेश अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है। नदियों की भूमि से सम्पन्न पूर्वी हिमालय, भारत के चार प्रमुख जैव विविधता वाले हॉटस्पॉट में से एक है। यह मछली नई प्रजातियों सहित भारत के 20 प्रतिशत से अधिक जीवों के लिए स्थानिक है।
खोजी हुई तीन मछली की प्रजातियों को सेनकी, बाराप और पॉलिन जैसी जल-धाराओं में छोड़ दिया गया है, जो ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली की सहायक नदियां हैं। अब तक इस क्षेत्र में 250 से अधिक मछली प्रजातियों की पहचान की जा चुकी है, जो कि यहां की क्षमता से काफी कम है।
प्रो. प्रशांत नंदा,
जूलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और प्रमुख
डेरा नाटुंग गवर्नमेंट कॉलेज, ईटानगर
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